देहरादून-पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन का ऊर्जा भवन में धरना प्रदर्शन,निगम पर सहायक अभियंताओं की सीधी भर्ती में नियम विरुद्ध शामिल करने का आरोप,धरना दूसरे दिन भी जारी - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Saturday, June 7, 2025

देहरादून-पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन का ऊर्जा भवन में धरना प्रदर्शन,निगम पर सहायक अभियंताओं की सीधी भर्ती में नियम विरुद्ध शामिल करने का आरोप,धरना दूसरे दिन भी जारी

देहरादून-पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन का ऊर्जा भवन में धरना प्रदर्शन,निगम पर सहायक अभियंताओं की सीधी भर्ती में नियम विरुद्ध शामिल करने का आरोप,धरना दूसरे दिन भी जारी




देहरादून।।उत्तराखण्ड पावर जूनियर इंजीनियर्स ऐसोसिएशन (यू०पी०जे०ई०ए०) का यूपीसीएल में चयन वर्ष 2008-09 की ज्येष्ठता सूची में वर्ष 2010 की सीधी भर्ती के सहायक अभियन्ताओं को नियम विरूद्ध शामिल किए जाने पर अवर अभियंताओं का धरना प्रदर्शन देहरादून ऊर्जा भवन मुख्यालय में दूसरे दिन भी जारी है। अवर अभियंताओं का कहना है कि  निगम प्रबन्धन द्वारा  उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश की सहायक अभियन्ताओं की नियुक्ति के दिनॉक से रोटा कोटा लागू करते हुए ज्येष्ठता सूची जारी की जाए के विपरीत सीधी भर्ती के सहायक अभियन्ताओं को नियुक्ति से पूर्व विज्ञापन जारी किये जाने से रोटा कोटा लागू करते हुए उनकी नियुक्ति से एक वर्ष पूर्व की ज्येष्ठता दी गयी है। जो कतई स्वीकार्य नहीं है।




अवर अभियंताओं का कहना है कि निगम द्वारा अपनी कमी को छिपाने के लिए ये प्रचारित किया जा रहा है। कि उनके द्वारा उच्च स्तरीय समिति की रिर्पोट पर ही ज्येष्ठता सूची निर्गत की गई है। जबकि कमेटी को नियम उपलब्ध करने की जिम्मेदारी निगम प्रबन्धन की थी। निगम प्रबन्धन ने कमेटी के समक्ष अभियन्ता सेवा नियमावली के संशोधन प्रस्तुत नहीं किये जिसमें अभियन्ता सेवा नियमावली 1970 के प्रस्तर 19 ज्येष्ठता को ज्येष्ठता नियमावली 1998 से प्रतिस्थापित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के वर्ष 2012 में जारी जिस आदेश को इस ज्येष्ठता सूची का आधार बताया जा रहा है। उस आदेश का उपाकालि से कोई सम्बन्ध नहीं है। पूर्व में  उच्च न्यायालय में भी सीधी भर्ती के सहायक अभियन्ताओं द्वारा इस तथ्य को प्रस्तुत किया गया था, जिस पर  उच्च न्यायालय द्वारा अपने निर्णय दिनाँक 27.06.2025 के प्रस्तर 13 में स्पष्ट किया है कि उपकाली में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के नियम केवल 31.03.2001 तक ही यथावत लागू है। उसके बाद के नियम सीधे तौर पर लागू नहीं किये जा सकते। ऐसे में निगम प्रबन्धन द्वारा कमेटी से ये तथ्य भी छुपाया गया कि निगम द्वारा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के नियम केवल 31.03.2001 तक ही अंगीकार किये गये थे। निगम द्वारा उच्च न्यायालय में प्रस्तुत अपनी क्लैरीफिकेशन एप्लिकेशन में भी न्यायालय से यह स्पष्ट करने की प्रार्थना की थी कि सहायक अभियन्ताओं की ज्येष्ठता रोटा कोटा के अनुसार नियुक्ति की तिथि से की जाएगी अथवा विज्ञापन की तिथि से इस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपने स्पष्टीकरण आदेश दिनॉक 14.02.2025 में स्पष्ट किया गया है। और अभियंताओं का कहना है कि यदि इस पर  तत्काल निगम द्वारा अवर अभियंताओं के हित में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आगे सभी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।





अवर अभियंताओं का कहना है कि अभियन्ताओं के प्रति घोर अन्याय के साथ ही  उच्च न्यायालय के आदेश की भी अवमानना है। निगम प्रबन्धन द्वारा गोपनीयता की आड में ज्येष्ठता निमयवली 1998 के प्रावधानों को दरकिनार करते हुए अन्तिम ज्येष्ठता सूची जारी की गयी जबकि निमयावली में सपष्ट प्रावधान है कि पहले अनन्तिम ज्येष्ठता सूची जारी करते हुए सभी पक्षों को कम से कम 10 दिन का समय आपत्ति दर्ज कराने हेतु दिया जायेगा उसके बाद आपत्तियों का निस्तारण करने के पश्चात की अन्तिम ज्येष्ठता सूची जारी की जाऐगी परन्तु यूपीसीएल प्रबन्धन द्वारा पदोन्नत सहायक अभियन्ताओं की ज्येष्ठता सूची पर आपत्ति दर्ज करने का कोई अवसर नहीं दिया गया एवं ना ही समिति के समक्ष पक्ष रखने का मौका उपलब्ध कराया गया। उच्च न्ययालय के निर्णय के विपरीत जाकर निगम ने ज्येष्ठता सूची जारी की है। एसोसिएशन की मांग है कि उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 27.06.2024 एवं स्पष्टीकरण आदेश दिनांक 14.02.2025 के अनुसार नियुक्ति की तिथि से रोटा कोटा करते हुए उपाकालि में ज्येष्ठता हेतु लागू एक मात्र नियमावली ज्येष्ठता नियमावली 1998 के प्रावधानों के अनुसार संशोधित ज्येष्ठता सूची जारी की जाए।

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