uttarkashi-शनिवार रात्रि को जनपद में हुई भारी बारिश से मस्ताडी गांव के घरों से निकला पानी,रातभर दहशत में रहे ग्रामीण,देर रात्रि प्रशासन की टीम पहुंची गांव में - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Sunday, July 2, 2023

uttarkashi-शनिवार रात्रि को जनपद में हुई भारी बारिश से मस्ताडी गांव के घरों से निकला पानी,रातभर दहशत में रहे ग्रामीण,देर रात्रि प्रशासन की टीम पहुंची गांव में


uttarkashi-शनिवार रात्रि को जनपद में हुई भारी बारिश से मस्ताडी गांव के घरों से निकला पानी,रातभर  दहशत में रहे ग्रामीण,देर रात्रि प्रशासन की टीम पहुंची गांव में 




उत्तरकाशी।। (ब्यूरो)जनपद भटवाड़ी ब्लॉक के अंतर्गत मस्ताड़ी गांव में शनिवार की रात्रि को हुई भारी बारिश के कारण एक दर्जन से अधिक घरों के अंदर पानी रिसाव शुरू हो गया। ग्रामीणों के आवासीय मकानों एवं गौशालाऐं पानी से लबालब भर गई जब इसकी सूचना ग्राम प्रधान सत्यनारायण सेमवाल ने जिला प्रशासन को दी तो जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम देर रात्रि को मस्ताडी गांव में पहुंची और पूरे गांव का निरीक्षण किया।लेकिन ग्रामीण पूरी रातभर दहशत में रहे ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव वर्ष 1991के भूकंप के बाद से आपदा का दंश झेल रहा है। बरसात का मौसम शुरू होने पर प्रतिवर्ष मस्ताडी गांव के घरों से पानी के रिसाव की समस्या बनी रहती है यहां पर कई बार भू वैज्ञानिकों द्वारा सर्वे किया गया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया।जिससे ग्रामीणों के मकान भूधंसाव की जद में  हैं। और ग्रामीण लंबे समय से विस्थापन की मांग कर रहे हैं। अब आलम यह है कि मस्ताड़ी गांव में ग्रामीणों के सामने खुद के रहने का संकट भी खड़ा हो गया है। घरों के कमरों,किचन सहित गौशालाओं के अंदर से अत्यधिक मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है भूधंसाव की जद में आने वाले मकानों की संख्या एक दर्जन से भी अधिक है। देर रात मौके पर पंहुची जिला प्रशासन टीम में नायब तहसीलदार सुरेश प्रसाद सेमवाल ने बताया कि बारिश के कारण कुछ घरों के अंदर से पानी का रिसाव बढ़ने की सूचना ग्राम प्रधान की ओर से मिली है। इस संबंध में ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है साथ ही भू वैज्ञानिक द्वारा सर्वे कराया जाएगा उसी के बाद कोई निर्णय लिया जा सकेगा।




वहीं दूसरी तरफ ग्राम प्रधान सत्यनारायण सेमवाल का कहना है कि गांव में पानी के रिसाव और भूधसाव के संबंध में कई बार भू वैज्ञानिकों के द्वारा गांव का सर्वे भी किया गया है लेकिन सर्वे होने के बाद मामला शांत हो जाता है और फिर जब बरसात का सीजन आता   है तब फिर से  गांव के घरों में पानी के रिसाव की समस्या बढ़ जाती है हम लोग लंबे समय से विस्थापन की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस पर  शासन प्रशासन के द्वारा कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो पाई है जिससे ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर है हमारी शासन प्रशासन से एक ही मांग है कि मस्ताडी गांव का शीघ्र विस्थापन किया जाए



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