जल जीवन मिशन के कार्य प्रगति के पथ पर,मार्च 2024 तक पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने का है लक्ष्य,योजना में पेयजल कनेक्शन का कार्य ओवर ऑल लगभग 80% पूर्ण
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उत्तरकाशी।।( ब्यूरो)उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद में इस समय ""जल जीवन मिशन"" का कार्य प्रगति पर है और लगभग संपूर्ण प्रदेश के सभी जनपदों में पेयजल कनेक्शन का ओवरऑल 80% कार्य पूर्ण हो चुका है 15 अगस्त 2019 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी। उस समय उत्तराखंड में 130325 परिवारों के पास पेयजल कनेक्शन उपलब्ध थे जो अब बढ़कर 1157193 हो गए है वही पेयजल निगम के चीफ इंजीनियर सुरेश चंद्र पंत का कहना है कि हमारे पास पूरे प्रदेश में इस समय 15029 राजस्व ग्राम है जिनमें "जल जीवन मिशन" का कार्य प्रगति के पथ पर चल रहा है। उत्तरकाशी जनपद में 71703 परिवार है जिसमें से 63234 परिवारों को पेयजल विभाग द्वारा कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं जोकि सम्पूर्ण कार्य का 88% है इसी प्रकार टिहरी जनपद में कुल परिवार 135101 है जिसमें से 113925 परिवारों को पेयजल विभाग द्वारा कनेक्शन उपलब्ध करा दिए है जो कि पूरे जल जीवन मिशन कार्य का 84%है। इसी प्रकार संपूर्ण प्रदेश के सभी जनपदों में जल जीवन मिशन का कार्य प्रगति पर है। मार्च 2024 तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
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मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र पंत का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर योजना सिंगल विलेज की है मल्टी विलेज में 5 करोड़ से अधिक की योजना स्वीकृत की गई है। वही पहली बार "जल जीवन मिशन" योजना में पूरे प्रदेश में 90 पंपिंग योजनाएं स्वीकृत हुई है जिसमें अकेले 22 योजना अल्मोड़ा जनपद की है।उत्तरकाशी जनपद में 3 योजनाएं स्वीकृत की गई है जिस पर यमुना नदी से पंपिंग द्वारा पानी लाने का कार्य किया जा रहा है इसी प्रकार टिहरी में 8 पंपिंग योजनाएं, पौड़ी जनपद में 22 पंपिंग योजनाएं स्वीकृत हुई है इन सभी पंपिंग योजनाओं का कार्य प्रगति पर चल रहा है। पंपिंग योजनाएं उन स्थानों पर स्वीकृत की गई है जहां पर पुराने जलस्रोत सूख गए हैं ताकि नदियों से पंपिंग के द्वारा लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जा सके।
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मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र पंत का कहना है कि हमें भविष्य के लिए जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए काम करना होगा जिसके लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाएं चरणबद्ध तरीके से चला रही है जिसमें विभिन्न विभाग जलागम, भूमि संरक्षण, लघु सिंचाई ,सिंचाई आदि विभाग जल संरक्षण में अपना सम्पूर्ण योगदान दे रहे हैं। हमारे पूरे प्रदेश में 1494000 ग्रामीण परिवार वर्तमान में निवासरत है जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र की कुल आबादी लगभग 72 लाख है ग्रामीण क्षेत्रों में 450 MLD जल की मांग है इसी प्रकार 100 नगरीय क्षेत्र है जिसमें 50 लाख की आबादी है जिसमें 768 MLD जल की मांग है। हमें भविष्य में इन योजनाओं के सफल संपादन के लिए आगामी 30 वर्षों तक जल स्रोतों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए कार्य करना पड़ेगा जिसके लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है।
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