उत्तरकाशी-"नमामि गंगे योजना" के तहत चल रहे घाट निर्माण और सुरक्षा कार्य पर तीर्थ पुरोहितों ने उठाये सवाल,ये कैसी सुरक्षा, नदी का एक छोर सुरक्षित,और दूसरा किनारा असुरक्षित - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Friday, March 26, 2021

उत्तरकाशी-"नमामि गंगे योजना" के तहत चल रहे घाट निर्माण और सुरक्षा कार्य पर तीर्थ पुरोहितों ने उठाये सवाल,ये कैसी सुरक्षा, नदी का एक छोर सुरक्षित,और दूसरा किनारा असुरक्षित

 

उत्तरकाशी-"नमामि गंगे योजना" के तहत चल रहे घाट निर्माण और सुरक्षा कार्य पर तीर्थ पुरोहितों ने उठाये सवाल,ये कैसी सुरक्षा, नदी का एक छोर सुरक्षित,और दूसरा किनारा असुरक्षित

उत्तरकाशी(गंगोत्री)।।विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में गंगा भागीरथी  घाट का निर्माण कार्य  नमामि गंगे योजना के  अंतर्गत इंडोरामा चैरिटेबल ट्रस्ट के सी एस आर  फंडिंग के तहत वेब कोस लिमिटेड के द्वारा निर्मित किया जा रहा है,लेकिन गंगोत्री रावत तीर्थ पुरोहितों का कहना है ये कैसा सुरक्षा कार्य हो रहा है समझ के परे है भागीरथी नदी के दो किनारे है गंगोत्री मन्दिर की और तो निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन भागीरथी नदी के दूसरे किनारे पर न तो कोई सुरक्षा कार्य हो रहा है और न घाट निर्माण कार्य किया जा रहा है जबकि  दूसरी तरफ भी  काफी बड़ी बस्ती है धर्मशालाएं, होटल,लाज है एक तरफ सुरक्षा की जा रही है और दूसरी तरफ कोई भी सुरक्षा न करना भविष्य में दूसरे छोर पर निवास करने वाले लोगों को खतरा हो सकता है वहीं रावल तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि जब आपदा आई थी और गंगोत्री में नदी का जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ गया था तो गंगोत्री मन्दिर के दुसरी तरफ काफी ज्यादा नुकसान हुआ था।

वहीं रावल तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि गंगोत्री में मन्दिर की तरफ घाट का निर्माण कार्य चल रहा है   इसके प्रथम चरण में श्री गंगा मन्दिर के  ओर मुख्य घाट का निर्माण किया जा रहा है।वही भागीरथी के दूसरे  छोर पर मलबा डाल जा रहा है  जिससे  नाराज गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने जिलाधिकारी से भेंट वार्ता कर  नाराजगी जताते हुए एक ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया जिसमें तीर्थ पुरोहितों के द्वारा कहा गया है  कि अगर गंगा घाट की दूसरी तरफ भी यदि घाट का निर्माण नहीं किया जाता है तो भविष्य में यदि भागीरथी का जलस्तर बढ़ता है तो  दूसरी तरफ  तीर्थ पुरोहितों के घर  बस्ती, आश्रमों,और धर्मशालाओ   नुकसान पहुंच सकता है वहीं रावल तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि  पूर्व में भी जब भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ा था तो दूसरे छोर की और  कई बार  नुकसान हो चुका है   लेकिन शासन- प्रशासन इस ओर मोन है ये कैसी सुरक्षा एक और सुरक्षा दूसरी तरफ असुरक्षा




रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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