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Wednesday, October 22, 2025

उत्तरकाशी-गंगोत्री धाम के कपाट पूरी विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए हुए बंद, मां गंगा मुखबा के लिए रवाना

उत्तरकाशी-गंगोत्री धाम के कपाट पूरी विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए हुए बंद, मां गंगा मुखबा के लिए रवाना




उत्तरकाशी।।जनपद  में विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज अन्नकूट के पावन पर्व पर पूरी विधि विधान के साथ अभिजीत मुहूर्त में 11बजकर 36 मिनट पर बंद किए गए वहीं कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली हजारों श्रद्धालुओं के साथ गंगोत्री धाम से अपने शीतकालीन प्रवास मुखवा (मुखीमठ)के लिए रवाना हुई बताते चले कि आज रात्रि निवास मां गंगा का देवी मंदिर में होगा और कल भैया दूज के पावन पर्व पर मां गंगा श्रद्धालुओं के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखवा में पहुंचेगी जहां पर मुखवा गांव के ग्रामीण मां गंगा का भव्य स्वागत करेंगे क्योंकि मां गंगा 6 माह बाद अपने मायके मुखवा में पहुंचेगी वहीं कल भैया दूज के पावन पर्व पर दिन ठीक 12 बजकर 30 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होंगे आज से कपाट बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया। 




गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से पूर्व  तैयारी आज  सुबह से शुरू  हुई। आज अन्नकूट के पर्व की अमृत बेला, स्वाति नक्षत्र  शुभ लग्न अभिजीत मूहर्त पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद किए गए। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी, गंगा सहस्त्रनाम का पाठ किया। मां गंगा की भोगमूर्ति को गंगोत्री  मंदिर गर्भगृह से निकालकर उत्सव डोली में रखा गया उत्सव डोली को बाहर निकाला गया तो गंगोत्री धाम मां गंगा के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। हर्षिल आर्मी राजस्थान राइफल्स के बैंड की धुन और परंपरागत ढोल दमाऊ की थाप पर मां गंगा की उत्सव डोली 11: 40 पर शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए पैदल रवाना हुई। यमुनोत्री धाम के कपाट कल भैया दूज के पावन पर्व पर दोपहर 12:30 पर बंद किए जाएंगे और मां यमुना की डोली अपने भाई शनिदेव की अगुवाई में अपने शीतकालीन प्रवास  खरसाली खुशीमठ के लिए रवाना होगी और आगामी 6 माह तक खरसाली में ही श्रद्धालुओं को दर्शन देगी।






वही इस वर्ष गंगोत्री धाम में करीब 757762 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए बताते चले कि 5 अगस्त को धराली और हर्षिल में भीषण आपदा आई जिसके कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगह पर वासआउट हो गया था और करीब डेढ़ माह तक गंगोत्री की यात्रा बंद रही लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद जिला प्रशासन और बीआरओ ने गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को सुचारू किया और फिर से यात्रा को शुरू किया लेकिन  ग्रीष्मकालीन यात्रा के अंतिम एक माह में यात्रा ने वह रफ्तार नहीं पकड़ पाई जिसकी गंगोत्री मंदिर समिति और होटल व्यवसायियों को उम्मीद थी अब होटल व्यवसाय सहित गंगोत्री मंदिर समिति और छोटे बड़े व्यवसाईयों की उम्मीद  शीतकालीन यात्रा पर टिकी हुई है।



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