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Tuesday, July 20, 2021

उत्तरकाशी-"जाको राखे साइयाँ,मार सके न कोई" रविवार को आये जल सैलाब में गेणा सिंह ने जीती जिंदगी की जंग,तीन घण्टे तक मलबे में दबे रहे

 जल सैलाब में मलबे में दब गए थे

उत्तरकाशी-"जाको राखे साइयाँ,मार सके न कोई" रविवार को आये जल सैलाब  में  गेणा सिंह ने जीती जिंदगी की जंग,तीन घण्टे तक मलबे में  दबे रहे 

उत्तरकाशी।। रविवार को माण्डो गांव में आए जल सैलाब के कारण जहां लोगों के मकान मलबे में दब गए कई लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की और भागे  तीन लोगों की  मृत्यु हो गई।तो वहीं  75 वर्षीय गेणा सिंह जब गांव में जल सैलाब आया तो वह मलबे में दब गए।


गांव के लोगों का कहना है कि  जब गांव में जल सैलाब आया तो गेणा सिंह अपने कमरे में  थे। 75 वर्षीय  गेणा सिंह को कानो से भी कम  सुनाई  देता है।जिस कारण गेणा सिंह को लोगों का शोरगुल भी नहीं सुनाई दिया। जब भारी मात्रा में मलबा  कमरे के अंदर घुसा तो मलबे  में  गेणा सिंह दब गए। वही काफी  खोजबीन के बाद परिजनों  ने बताया।गेणा सिंह कमरे में थे  जिस कमरे में 75 वर्षीय गेणा  सिंह  थे वह कमरा पूरी तरह मलबे से भर गया   था फिर एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम ने 3 घंटे बाद गेणा  सिंह को मलबे  से बाहर निकाला। गेणा  सिंह को चोटे भी आई थी जिसके बाद घायल गेणा सिंह  को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया वही आज वे  जिला अस्पताल उत्तरकाशी से डिस्चार्ज होकर  सकुशल अपने घर पहुंच गए हैं।


अब सकुशल है गेणा सिंह

इस जल सैलाब में जहां लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान की और भागे तो गेणा सिंह मलबे में दबने के बाद भी जीवित बाहर निकले तो यहाँ पर यह पंक्ति सटीक बैठती है "जाको राखे  साइयां मार सके न कोई" जब तक प्रभु की इच्छा ना हो तब तक मृत्यु भी किसी का बाल बांका नहीं कर सकती फिलहाल हमने भी  माण्डो गांव में जाकर गेणा सिंह से बात करने की कोशिश की पर उनको कम सुनाई देता है इसलिए वे कुछ बोल नहीं पाए पर अभी गेणा सिंह घर पर सकुशल है।



रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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