देहरादून-पर्वतारोही सविता कंसवाल ने महामहिम राज्यपाल से की मुलाकात,राज्यपाल ने सविता कंसवाल को अप्रैल माह में शुरू होने वाले "एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन" के लिए दी शुभकामनाएं - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Monday, March 15, 2021

देहरादून-पर्वतारोही सविता कंसवाल ने महामहिम राज्यपाल से की मुलाकात,राज्यपाल ने सविता कंसवाल को अप्रैल माह में शुरू होने वाले "एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन" के लिए दी शुभकामनाएं

 देहरादून-पर्वतारोही सविता कंसवाल ने महामहिम राज्यपाल से की मुलाकात,राज्यपाल ने सविता कंसवाल को अप्रैल माह में शुरू होने वाले "एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन" के लिए दी शुभकामनाएं


👉राज्यपाल ने बढ़ाया सविता कंसवाल का हौसला, "एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन" की सफलता के लिए दी शुभकामनाएं



देहरादून(राजभवन)।।।राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य से राजभवन में आज  सोमवार को एवरेस्ट मैसिफ एक्सपीडिशन के लिए चयनित जनपद उत्तरकाशी निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल ने भेंट की। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि उत्तराखण्ड की बेटियां बहादुर है और अपनी मेहनत के बल पर आज हर क्षेत्र में आगे है। उन्होंने कहा कि सविता ने साबित कर दिया है कि आर्थिकी रूप से कमजोर बच्चे भी अपनी मेहनत के बल पर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बना सकते है। उन्होंने सविता को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सविता का चयन इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए होने से अन्य बेटियों को भी प्रेरणा मिलेगी।



 राज्यपाल ने एवरेस्ट मैसिफ अभियान के लिए जाने पर सविता कंसवाल और पिथौरागढ़ से मनीष कसनियाल को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देते हुए माँ गंगा व बाबा विश्वनाथ से अभियान की सफलता की कामना की है। 


राज्यपाल से बात करते हुए पर्वतारोही सविता कंसवाल ने बताया कि भारत सरकार के खेल मंत्रालय के सहयोग से यह अभियान शुरू किया जा रहा है, जो अप्रैल में शुरू होगा। इस अभियान के लिए देशभर से 1 हजार में से 12 पर्वतारोहियों का हुआ चयन। इनमें उत्तराखण्ड से जनपद उत्तरकाशी से सविता कंसवाल और पिथौरागढ़ से मनीष कसनियाल का चयन हुआ है, जोकि उत्तराखण्ड के लिए गौरव की बात है। यह अभियान जून माह में समाप्त होगा। सविता ने बताया कि उनके द्वारा अभी तक पांच चोटियों का आरोहण किया जा चुका है। उत्तरकाशी जनपद के दूरस्थ गांव की रहने वाली हूं। अपनी फीस के लिए देहरादून में नौकरी भी की है। माता-पिता गांव में खेती किसानी करते है। 


           रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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