उत्तरकाशी- फायर सीजन से हटकर अब अक्टूबर माह में भी जंगलों में लग रही आग।आग लग रही है या लगा दी जा रही ये बड़ा प्रश्न,
उत्तरकाशी।।।उत्तरकाशी जनपद के जंगल इन दिनों वनाग्नि से धधक रहे है। जिसमे गंगोत्री रेंज, बाडाहाट रेंज,डुंडा सहित कई अन्य जगहों पर आजकल वन संपदा वनाग्नि से नष्ट हो रही है। अमूमन वनाग्नि की घटनाएं गर्मी के मौसम में देखी जाती थी लेकिन अब सर्दियों में भी जंगलों में आग लग रही है। इतना ही नहीं हर्षिल धराली,मुखबा के जंगल भी जगंल की आग से धधक रहे है जहां तापमान इन दिनों काफी कम रहता है। जबकि कोरोना काल मे इस वर्ष जनपद के जंगलों में गर्मियों में वनाग्नि की घटनाएं बिलकुल न के बराबर रही है।या देखी गई है तो क्या कारण है सर्दियों के आगाज पर जंगल वनाग्नि से धधक रहे है प्रश्न तो वन विभाग पर खड़ा होता ही है।
जानकार कहते है कि वन विभाग के पास वनों में आग को नियंत्रण या बुझाने के लिए साल में लाखों का बजट आता है जिस बजट को वनों को आग से सुरक्षित करने के लिए खर्च किया जाता है।जानकारों का ये भी कहना कि इस वर्ष गर्मियों में आग की घटनाएं न के बराबर रही है।इसलिए बजट को भी खर्च करना जरूरी है।इसलिए शायद उत्तरकाशी के जंगल आग से धधक रहे है।
उत्तरकाशी जनपद के जंगल कहां-2 धधक रहे है देखें - बाडाहाट रेंज में धधक उठे जंगल , ज्ञानसू के ऊपर वरुणावत पर्वत , चमकोट , दिलसोड़ , के जंगलों में जगह जगह लगी आग , आग बुझाने में वन विभाग नाकाम साबित हो रहा हैं।
अमूल्य वन संपदा और वन्य जीवों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं लोगों का कहना यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो ये आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच सकती है।
वन क्षेत्रधिकारी बाडाहाट रेंज का कहना है कि जो इस समय फायर सीजन न होने के बावजूद जंगलों में आग लग रही इस आग को स्थानीय ग्रमीण चारा पत्ती के लिए लगा रहे है।जो गलत है बाकी वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने का पूरा प्रयास कर रहे है और दिनरात कार्य कर रहे है।
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