उत्तरकाशी- देर से खुली जिला प्रशासन की नींद, जिला प्रशासन की टीम आज पहुंची मौके पर, खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर पर कसा शिकंजा। - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Saturday, October 31, 2020

उत्तरकाशी- देर से खुली जिला प्रशासन की नींद, जिला प्रशासन की टीम आज पहुंची मौके पर, खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर पर कसा शिकंजा।

उत्तरकाशी- देर से खुली  जिला प्रशासन की नींद,  जिला प्रशासन की टीम आज पहुंची मौके पर, खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर पर कसा शिकंजा। 





उत्तरकाशी।।। उत्तरकाशी से 10 किलोमीटर दूर आइटीबीपी कैंप के बिल्कुल नजदीक खनन माफिया बेखौफ गंगा भागीरथी नदी में लगातार खनन कर रहे थे  लेकिन प्रशासन देख कर भी खनन के इस खेल को अनदेखा कर रहा  था  आखिर खनन माफियाओं के प्रति सिस्टम का यह प्रेम क्यों है क्यों कार्यवाही नहीं हो रही थी लेकिन लगातार खबरें प्रकाशित होने पर आखिर कर  जिला प्रशासन गहरी नींद से जागा और आज जिला प्रशासन की पूरी टीम मौके पर पहुंची।और जिला प्रशासन ने अब माना कि वास्तविक गंगा नदी में अवैध तरीके से खनन का काम चल रहा है इसी मामले पर  कुछ रोज पूर्व   जब जिलाधिकारी  से हमारी बातचीत हुई तो उन्होंने साफ कहा की अगर अवैध तरीके से खनन हो रहा है या स्टोन क्रेशर चल रहा है तो कार्यवाही होगी ।अब आज जिला प्रशासन की टीम मौके पर जरूर पहुंची है लेकिन कार्यवाही क्या कुछ हुई स्पष्ट नहीं हुआ।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना कि यदि नदी में अवेध खनन और स्टोन क्रेशर बन्द नहीं किया गया तो वे यहीं पर भागीरथी नदी के किनारे अमरण अनशन पर बैठ जाएंगे और यहीं नहीं लोगों ने कहा फिर भी अगर प्रशासन नहीं जागा तो हम आत्मदाह के लिए भी मजबूर हो जाएंगे ,क्योंकि खनन से हमारे रास्ते बंद हो गए है साथ ही स्टोन क्रेशर से आस-पास के लोगों को भारी दिक्कत हो रही है ।



खबर ये थी👉  भागीरथी नदी में खनन  कारोबारियो ने   भागीरथी नदी के बीचों-बीच एक सड़क बना दी और भागीरथी नदी में बड़े-बड़े ट्रक और जेसीबी मशीनें उतार दी और बेखौफ होकर भागीरथी नदी में खनन हो रहा है वही अमूमन देखा जाता है कि नदी में चुगान  की अनुमति होती है वह भी एक सीमित दायरे में और विशेष परिस्थितियों में  लेकिन नदी को खोदना यानी खनन करना एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाना है   हमारी धरोहर गंगा भागीरथी नदी जोकि अविरल बहती है उसके बहाव के साथ छेड़छाड़ करना  लोगों की आस्था को चोट पहुंचाना जैसा  है लेकिन यहां पर खनन माफियाओं ने भागीरथी नदी के बीच में सड़क बनाकर गंगा भागीरथी की अविरल धारा को ही बदल दिया है क्योंकि खनन माफिया खनन कर चांदी काट रहे हैं उन्हें गंगा भागीरथी नदी की अविरल धारा और लोगों की आस्था से कोई लेना देना नहीं है।


वही विशेष परिस्थितियों में जहां पर नदी में आरबीएम भारी मात्रा में जमा हो जाता है वहां पर चुगान  की अनुमति मिल जाती है नदी में खनन की नहीं  यहां पर नदी  खोदकर   पत्थर और रेता निकालने की अनुमति कैसे मिल जाती है समझ के परे है । और गंगा नदी के बीचों-बीच सड़क बनाकर  और जेसीबी उतारना तथा उसके स्वरूप को बदलना  एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाना है।


 आज ये हुई कार्यवाही👉  जिलाधिकारी  मयूर दीक्षित के निर्देशों के क्रम में जनपद स्थित तहसील क्षेत्रांन्तर्गत स्टोनों क्रेशर व खनन पट्टों का निरीक्षण किया जा रहा है l  इसी क्रम में आज   उपजिलाधिकारी डुण्डा आकाश जोशी के नेतृत्व में सिंचाई, खनन व राजस्व की टीम द्वारा मातली स्टोन क्रेशर व खनन पट्टों का औचक निरीक्षण किया गया l निरीक्षण के दौरान स्टोन क्रेशर व खनन पट्टों में काफी खामियां मिली, क्रेशर का डिस्चार्ज वाटर गंगा नदी में प्रभावित किए जाने व धर्म कांटा, हरित पट्टे सहित अन्य कई मानकों के विपरीत अनाधिकृत रूप से गंगा नदी के बीचों-बीच अस्थाई मार्ग बनाए जाने को लेकर टीम द्वारा नियमावली के अनुसार चालान की आवश्यक कार्यवाही की गई l 

निरीक्षण के दौरान खनन अधिकारी डीएस चंद,सहायक अभियंता सिंचाई शशी प्रकाश जयसवाल,राजस्व निरीक्षक रणवीर सिंह पंवार, उप राजस्व निरीक्षक कुलदीप कुमांई  सहित अन्य मौजूद थे l 

 


रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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