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Friday, September 25, 2020

उत्तरकाशी-प्रधानमंत्री के संदेश "वोकल फ़ॉर लोकल" को जीवन मे उतारा है उत्तरकाशी के इस परिवार ने

 उत्तरकाशी-प्रधानमंत्री  के संदेश "वोकल फ़ॉर लोकल" को जीवन मे उतारा है उत्तरकाशी के इस परिवार ने




उत्तरकाशी ।।। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित मातली गांव का बधाणी परिवार ने जैविक खेती को बनाया है अपना रोजगार का जरिया। पिछले 4 - 5 वर्षों से आजीविका चलाने के लिए दूसरे व्यवसाय के साथ साथ जैविक खेती को भी आय का एक जरिया बना रखा है   मातली बधाणी परिवार ने लॉक डाउन के चलते दूसरे व्यवसाय बंद होने पर अन्य परिवारों की तरह इस परिवार के समक्ष भी रोजगार,  का संकट खड़ा हो गया था प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जैविक खेती का प्रशिक्षण इस परिवार के काम आया।।


उत्तरकाशी मातली गांव के  देवेंद्र बधाणी  प्रेमा बधाणी ने लॉक डाउन के बाद कुछ स्वयं व कुछ आस पास के लोगों के खेत लेकर जैविक खेती शुरू की जैविक खेती में बधाणी परिवार ने जैविक खेती में सब्जी उत्पादन में काम शुरू किया मटर की खेती, बीन्स, भिंडी, कद्दू, लौकी और ककड़ी की खेती कर इस उपज को बाजार तक पहुंचाकर सम्मानजनक आय प्राप्त कर की। जिसमे अन्य खर्चों के साथ घर गृहस्थी चलाने आसानी हुई ।।



बधाणी परिवार की इन फसलों व सब्जियों में किसी भी तरह की रासायनिक खाद व रासायनिक छिड़काव का प्रयोग नहीं होता है पूर्णतः स्थानीय स्तर पर घरेलू जानवरों खासकर दुधारू गायों के गोबर से तैयार जैविक खाद का ही प्रयोग किया जाता है  लोग आते जाते स्वयं की पसंद की ताजा सब्जियों को बधाणी परिवार से खरीद लेते हैं


वहीं गढ़वाल मंडल विकास निगम के निदेशक लोकेंद्र बिष्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री  के वोकल फ़ॉर लोकल के मंत्र व मुख्यमंत्री  मुख्यमंत्री रोजगार योजना का लाभ तब ही लोगों को मिलेगा जब स्थानीय उत्पादों व स्थानीय उपजों के लिए सरकार उचित बाजार की व्यवस्था दे अन्यथा जैविक उपज बाजार में आते आते लूट के भाव बिक जाती है क्योंकि बाजार में पहले से ही कब्जा किये दलाल व व्यवसायी इन स्थानीय लोगों की उपज को लूट के भाव खरीद लेते हैं।।



रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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