उत्तराखंड सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट चीड़ की पत्तियों (पीरूल) से बिजली उत्पादन की योजना उत्तरकाशी में परवान नहीं चढ़ पा रही है बताते चलें कि उत्तरकाशी जनपद में पीरूल से बिजली उत्पादन के 5 प्रोजेक्ट लगाने है और जो युवा बेरोजगार इस प्रोजेक्ट को लगाना चाह रहे है वे पिछले 2 सालों से बैंकों के चक्कर काटते-2 परेशान हो गए लेकिन बैंक प्रोजेक्ट पीरूल लगाने में इन युवाओं की कोई मदद नहीं कर रहा है जिससे उनके सामने धन का आभाव आ रहा है और ये सभी लोग पीरूल प्रोजेक्ट नहीं लगा पा रहे है वहीं प्रोजेक्ट लगाने वाले उद्यमी सुरेश रमोला का कहना है कि उनका प्रोजेक्ट लगभग तैयार है यहां तक कि पीरूल भी ग्रमीणों से खरीदा गया है लेकिन बैंक पिछले 2 सालों से हमारी लोन की फाइलों में खामियां ही खामियां निकाल रहा है एक तरफ सरकार रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट लगाने की बात कर रही है लेकिन दूसरी और सरकार और बैंकों के बीच सामंजस्य न होने के कारण इन युवा उद्यमियों को पीरूल प्रोजेक्ट शुरू करने में काफी दिक्कतें हो रही है और यही कारण है कि उत्तरकाशी में पिछले 2 सालों से पीरूल से बिजली उत्पादन का सरकार सपना परवान नहीं चढ़ पा रहा है हालांकि सरकार जल्द ही प्रोजेक्ट को शुरू करने की बात भी कर रही है यहां तक पीरूल का दाम भी प्रति कुंतल बढ़ा दिया गया है ताकि ,युवाओं ,ग्रमीणों को रोजगार मिल सके लेकिन प्रोजेक्ट लगाने वाले उद्यमियों के सामने अभी समस्या है आखिर प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए धन कहाँ से लाएं ,बैंक तो पिछले 2 सालों से चक्कर कटवा रहा है ,अब देखना होगा कि सरकार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट कब शुरू हो पाता है
रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल
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