उत्तरकाशी-जनपद में स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी गहरी निद्रा में, एस डी एम ने किया निरीक्षण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लटके मिले ताले, स्वास्थ्य व्यवस्था की खुलती पोल,जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह
-:स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता, प्रशासन की प्रतिबद्धता : जिलाधिकारी
-:स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को दूर करने के लिए किया जा रहा निरंतर निरीक्षण
-:प्रशासन का लक्ष्य सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण है : जिलाधिकारी
उत्तरकाशी।।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी प्रशांत आर्य द्वारा जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ एवं सुचारु बनाने हेतु व्यापक कार्यवाही प्रारंभ की गई है।जिलाधिकारी प्रशांत आर्य द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार, चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता तथा मरीजों को समय पर उपचार सुनिश्चित करने हेतु जनपद के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कमियों की जानकारी लेने हेतु जनपद के समस्त उपजिलाधिकारियों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे। उत्तरकाशी जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था इस कदर खराब है कि मरीज को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता है और जनपद में बैठे जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। सिर्फ अपने कमरों में बैठकर कार्य की इतिश्री कर देते हैं जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में जो स्वास्थ्य व्यवस्था खराब है उसकी सारी जिम्मेदारी जनपद में बैठे उच्च अधिकारी की है लेकिन कार्य के प्रति उदासीनता साफ झलकती है मुख्यमंत्री के आदेशों को भी ये अधिकारी ठेंगा दिखा रहे है।
उपजिलाधिकारी भटवाड़ी शालिनी नेगी द्वारा संबंधित तहसील के अंतर्गत आने वाले सभी स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया गया जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी में प्रभारी चिकित्सक डॉ. राहुल सहित 05 एमबीबीएस, 02 बीडीएस डॉक्टर के अतरिक्त नर्सिंग स्टाफ में 06 कर्मचारी तैनात हैं। एसडीएम द्वारा मरीज पंजीकरण, प्रसूति कक्ष, इमर्जेंसी कक्ष और लैब का निरीक्षण किया गया जहां सफाई व्यवस्था की कमी को देखते हुए सफाई की समुचित व्यवस्था व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये तथा उपकेन्द्र में 2 माह से एएनएम का पद रिक्त है जिसके सापेक्ष झाला एएनएम द्वारा कार्य किया जा रहा है। फार्मेसी में एंटी रेबीज व एंटी वेनम सहित सभी आवश्यक दवाई उपलब्ध हैं।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गंगनानी के बंद होने की शिकायत मिलने पर इसका निरीक्षण किया गया । इस दौरान केंद्र बंद पाया गया जिस पर कार्यवाही करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवगत कराने पर उपकेन्द्र खोला गया।
उपजिलाधिकारी डुंडा देवानंद शर्मा द्वारा संबंधित तहसील के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डुंडा और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ब्रह्मखाल में निरीक्षण के दौरान नागरिकों को उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं को परखा। जिसमें एक्स रे टेक्नीशियन की कमी को देखते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को इसके संबंध में निर्देशित किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धौंतरी में स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त सफाई कर्मचारी की आवश्यकता पर कार्यवाही के निर्देश दिए गये।उपजिलाधिकारी बड़कोट बृजेश कुमार तिवारी द्वारा संबंधित तहसील अंतर्गत दौलतराम रवाल्टा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट के निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों की उपस्थिति जांची गई। और लैब कक्ष, वैक्सीनेशन कक्ष, औषधि भंडार कक्ष , इमर्जेंसी कक्ष, एक्सरे कक्ष आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण में दंत चिकित्सक सहायक, सफाई कर्मचारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर की कमी से जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी अवगत कराया गया।
उपजिलाधिकारी पुरोला मुकेश चन्द रमोला द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुमोला , गुन्दियाटगांव का निरीक्षण किया गया। स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत पद के सापेक्ष के उचित संख्या में कार्मिकों की नियुक्ति किए जाने से अवगत गया गया। निरीक्षण के दौरान यहां गायनोलॉजिस्ट, आर्थोलॉजिस्ट, सीटी स्कैन और ब्लड बैंक की नितांत आवश्यकता अतिरिक्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताई गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का सुनिश्चित उपयोग है। निरीक्षण अभियान का उद्देश्य जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति एवं पारदर्शिता प्रदान करना है, जिससे प्रत्येक नागरिक को बेहतर उपचार उपलब्ध हो सके। स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि सभी आवश्यक दवाएं, उपकरण एवं मानव संसाधन समय पर उपलब्ध कराए जाएं तथा मरीजों को कोई असुविधा न हो।






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