उत्तरकाशी-सहस्त्रताल-कुशकल्याण ट्रेक हादसे मे ट्रेकिंग एडवेन्चर कम्पनी के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज
उत्तरकाशी।। सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रेक पर हुए हादसे के मामले में हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर, उत्तरकाशी ट्रेकिंग कम्पनी के स्वामी के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत की गई है। वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनेरी द्वारा अवगत कराया गया कि कुश-कल्याण ट्रेक मे हुयी दुर्घटना/आपदा के सम्बन्ध मे प्रथम दृष्टया हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर उत्तरकाशी ट्रेकिंग कम्पनी द्वारा ट्रेकिंग सम्बन्धी शर्तो को पूर्ण किए बिना ट्रेकिंग हेतु अनुमति दी गई तथा ट्रेकिंग यूनिट एवं रुट/ट्रेक के सम्बन्ध में पुलिस-प्रशासन को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी थी। ट्रेकिंग दल में 70 वर्ष से अधिक उम्र के ट्रेकर्स भी थे, जिनके मेडिकल की कार्यवाही नही की गई थी। बुजुर्ग व्यक्तियों से कुशकल्याण जैसे ऊंचाई वाले स्थान पर आवागमन कराया जाना उचित नहीं था, न ही कम्पनी द्वारा ट्रेकर्स के साथ भेजे गये गाईड्स के पास ट्रेकिंग सम्बन्धी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये थे, जिस कारण 4 जून 2024 की सांय को कुशकल्याण ट्रेक पर मौसम खराब होने कारण आये आंधी-तुफान व ओलावृष्टि से हुई आपदा में 22 ट्रेकर्स में से 9 की मृत्यु हो गई। उक्त दुर्घटना/आपदा मे ट्रेकिंग कम्पनी द्वारा किये गये उपेक्षापूर्ण कार्य से 9 लोगों की मृत्यु होने पर पुलिस द्वारा 07.06.2024 को कोतवाली मनेरी पर समबन्धित ट्रेकिंग कम्पनी हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर उत्तरकाशी के मालिक के विरुद्ध 304(A)/336 भादवि के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। मामले में अग्रिम विवेचनात्मक/जांच की कार्यवाही जारी है।
बताते चलें कि गत 29 मई 2024 को सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर एक 22 सदस्यों का दल गया था जिन्होने 7 जून 2024 को वापस लौटना था, किन्तु 4 जून 2024 की सांय को कुशकल्याण ट्रेक पर मौसम खराब होने कारण आये आंधी-तुफान व ओलावृष्टि से हुयी आपदा में ट्रेकर्स उच्च हिमालयी ट्रैक रुट में फंस गये थे, जिस समबन्ध में 4 जून की सांय को सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वायु सेना, आईटीबीपी व अन्य आपदा दल द्वारा फंसे ट्रैकर्स को निकालने के लिए जमीनी तथा हवाई रेस्क्यू अभियान चलाते हुये सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक से कुल 13 ट्रैकर्स को सुरक्षित रेस्क्यु किया गया जबकि 9 ट्रैकर्स के शवों को एयरलिफ्ट किया गया। 22 सदस्यीय दल में 18 ट्रेकर्स कर्नाटक, 1 महाराष्ट्र जबकि 3 स्थानीय पोर्टर थे।
पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी द्वारा सभी ट्रेकिंग एंजेन्सियों से अपील की गई कि उक्त घटना से सबक लेते हुये सभी एजेन्सियां निकट भविष्य में इस ओर गम्भीरता बरतें, ट्रेकिंग सम्बन्धी मानकों के अनुरुप ही ट्रेकर्स की अनुमति प्रदान की जाये, जो लोग ट्रेकिंग की शर्तों को पूरा न कर रहे हो ऐसे लोगों को बिल्कुल भी अनुमति न दी जाये, लापरवाही बरतने वाली ऐजेन्सियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जायेगी।
No comments:
Post a Comment