उत्तरकाशी-बाबा पशुपतिनाथ का दिव्य "गंगाजल कलश" 14 फरवरी को काशी विश्वनाथ मंदिर से स्थानीय देव डोलियों के सानिध्य में पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू होगा रवाना,वर्षों से चली आ रही यह परंपरा
उत्तरकाशी।।।बाबा पशुपति नाथ का दिव्य गंगा जल कलश 14 फरवरी को काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण से स्थानीय देव डोली एवम स्थानीय लोग के साथ प्रातः 10:30 बजे महाशिवरात्रि के लिए बाबा पशुपति नाथ मंदिर काठमांडू , के लिए होगा प्रस्थान बताते चलें कि यह दिव्य गंगा जल कलश गौमुख गंगोत्री से अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गंगोत्री कपाटों उद्घाटन के अवसर पर भरा जाता है। तत्पश्चात इस दिव्य कलश की वर्षभर जय दुर्गे पशुपति भवन उत्तरकाशी में अखंड ज्वाला ज्योति से पूजा की जाती है।तत्पश्चात महा शिवरात्रि के पावन पर्व पर महाजल अभिषेक के लिए पशुपति नाथ काठमांडू नेपाल पहुंचाया जाता है।
यह परंपरा एवम विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी पूर्व काल की है। 45 वर्षों तक ब्रह्मलीन गुरुदेव श्री लक्ष्मी नारायण जी द्वारा अपने जीवन काल में बाबा पशुपति नाथ में महाशिवरात्रि को जलाभिषेक किया जाता था। और अब 11 वर्षों से निरंतर उनके सुपुत्र गुरुजी श्री महेंद्र प्रसाद जी द्वारा इस दिव्य कलश को गौमुख गंगोत्री से पशुपति नाथ मंदिर नेपाल में महाशिवरात्रि को जलाभिषेक किया जा रहा है।
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