uttarkashi-जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही के कारण पिछले लम्बे समय से धूल फांक रही लगभग 3 करोड़ की लिथोट्रिप्सी मशीन,मरीजों को कटाने पड़ रहे हायर सेंटर के चक्कर
उत्तरकाशी।। जिला अस्पताल में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही के कारण लिथोट्रिप्सी मशीन पिछले लगभग 4 सालों से धूल फांक रही है। लगभग 3 करोड़ की लागत से 2019 में किडनी स्टोन तोड़ने की लिथोट्रिप्सी मशीन लगाई गई थी लेकिन आज तक इस मशीन से एक भी मरीज का इलाज नहीं हो पाया है। जबकि जिला अस्पताल उत्तरकाशी में दो-दो सर्जन मौजूद है। और अब स्थिति ऐसी है की लिथोट्रिप्सी मशीन बंद कमरे में सो पीस बनी हुई है।
उत्तरकाशी जिला अस्पताल को 2019 में सरकार की ओर से लिथोट्रिप्सी (किडनी स्टोन तोड़ने) की मशीन की सौगात मिली थी। ताकि किडनी में पथरी के मरीजों का इलाज दूरबीन विधि से जिला अस्पताल में ही सके।ये बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही के कारण आज तक मशीन का उपयोग मरीजों के इलाज में नहीं हो पाया है। जिस कारण किडनी स्टोन के मरीजों को इलाज के लिए देहरादून सहित हायर सेंटर के चक्कर काटने पड़ते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में लिथोट्रिप्सी मशीन तो उपलब्ध करवा दी लेकिन मशीन का रखरखाव एवं ऑपरेटर के अभाव के कारण आज भी करोड़ों की कीमत की मशीन जिला चिकित्सालय में धूल फांक रही है। स्थानीय लोगों ने शासन से मांग की है कि जल्द जिला अस्पताल उत्तरकाशी में मशीन ऑपरेटर सर्जन उपलब्ध करवाया जाए ताकि लोगों को सुविधा मिल सके
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक बीएस रावत का कहना है कि लिथोट्रिप्सी मशीन सुरक्षित जिला चिकित्सालय के एक कक्ष में रखी हुई है यह मशीन किडनी स्टोन तोड़ने के उपयोग में लाई जाती है और इसका उपयोग सर्जन करते हैं काफी लंबे समय से इस मशीन का कोई उपयोग नहीं हो पाया है। लिथोट्रिप्सी मशीन में जिला अस्पताल में तैनात सर्जन काम करेंगे तो फिर यह पता चल पाएगा की मशीन का मेंटेनेंस करना है कि नहीं लेकिन फिलहाल इस मशीन से कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है।
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