उत्तरकाशी-पंचकोसी वारुणी यात्रा करने से 33 करोड़ देवी देवताओं के पूजा-अर्चना का मिलता है पुण्य लाभ,राज्य के विभिन्न स्थानों से यात्रा करने बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Sunday, March 19, 2023

उत्तरकाशी-पंचकोसी वारुणी यात्रा करने से 33 करोड़ देवी देवताओं के पूजा-अर्चना का मिलता है पुण्य लाभ,राज्य के विभिन्न स्थानों से यात्रा करने बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु


उत्तरकाशी-पंचकोसी वारुणी यात्रा करने से  33 करोड़ देवी देवताओं के पूजा-अर्चना का मिलता है पुण्य लाभ,राज्य  के विभिन्न स्थानों से यात्रा करने बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु 




उत्तरकाशी।।(ब्यूरो)जनपद में  वारुणी यात्रा  बड़ेथी चुंगी वरुणा और भगीरथी नदी में स्नान के साथ शुरू होने वाली  15 किलोमीटर की पैदल यात्रा है।वरुणावत पर्वत के ऊपर से गुजरते हुए अस्सी गंगा और भागीरथी के संगम पर पूजा-अर्चना के साथ यात्रा संपन्न होती है। प्रति वर्ष होने वाली पंचकोसी वारुणी  यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस यात्रा को पूर्ण करने वाले व्यक्ति को 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ मिलता है।साथ श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है आज रविवार  को हालांकि देर रात्रि  से उत्तरकाशी में बारिश का सिलसिला जारी था। फिर भी  वारुणी यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था अटूट है और ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ वारुणी यात्रा शुरू हुई। करीब 15 किमी लंबी इस पदयात्रा के पथ पर श्रद्धालुओं ने बड़ेथी संगम स्थित वरुणेश्वर में गंगा स्नान किया और उसके बाद ,बसूंगा में अखंडेश्वर, साल्ड में जगरनाथ और अष्टभुजा दुर्गा, ज्ञाणजा में ज्ञानेश्वर और व्यास कुंड, वरुणावत शीर्ष पर शिखरेश्वर तथा विमलेश्वर महादेव, संग्राली में कंडार देवता, पाटा में नर्वदेश्वर मंदिर में जलाभिषेक साथ पूजा-अर्चना  सिलसिला शाम तक जारी रहेगा। यात्रा के विभिन्न पड़ाव पर ग्रामीणों के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए बड़ी भव्य व्यवस्था की गई है वरुणावत पर्वत  से उतरकर श्रद्धालु गंगोरी  अस्सी गंगा और भागीरथी के संगम पर स्नान के बाद नगर के विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर यात्रा समापन होगी।





वारुणी यात्रा के धार्मिक महत्व और इसमें उमड़ने वाली भीड़ को देखते सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा पड़ाव में जगह-जगह पुलिस बल तैनात है साथ ही जिला प्रशासन पेयजल विभाग ,और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पूर्ण ब्यवस्थाओँ के साथ मुख्य पड़ावों पर मौजूद है। यात्रा पथ पर पड़ने वाले गांवों में  ग्रामीण श्रद्धालुओं के स्वागत सत्कार पूरी तन्मय से लगे हुए है।स्कंद पुराण के केदारखंड के अनुसार वरुणावत पर्वत की पैदल परिक्रमा वाली वारुणी यात्रा सच्चे मन से करने पर श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा हजारों तीर्थों की यात्रा का पुण्य लाभ मिलता है।





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