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Thursday, September 1, 2022

उत्तरकाशी-एक माह पूर्व क्षतिग्रस्त हुआ था यमुनोत्री पैदल मार्ग अभी तक नहीं हुआ दुरस्त ,सिस्टम की लापरवाही के कारण यात्री जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं आवागमन


उत्तरकाशी-एक माह पूर्व क्षतिग्रस्त हुआ था यमुनोत्री पैदल मार्ग अभी तक नहीं हुआ दुरस्त ,सिस्टम की लापरवाही के कारण यात्री जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं आवागमन




उत्तरकाशी।।(ब्यूरो)जनपद के  यमुनोत्री धाम में  भनेली गाड़ के पास पिछले एक माह पूर्व 29 जुलाई को  पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। लेकिन 1 माह बीत जाने के बाद भी अब तक क्षतिग्रस्त मार्ग दुरुस्त नहीं किया गया है। आलम यह है कि इस क्षतिग्रस्त या वैकल्पिक मार्ग  से जान जोखिम में डालकर यात्री आवागमन  करने को मजबूर है। ऐसे में कभी किसी बड़े हादसे की संभावना से इनकार नही किया जा सकता।पैदल रास्ता इतना खतरनाक है।कि एक गलती भारी पड़ सकती है।यही नहीं यहां पर मात्र सुरक्षा के लिए 2 होमगार्ड के सिपाई रखे गए है।



बताते चलें कि यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला पैदल मार्ग अभी तक ठीक प्रकार से सुचारू नहीं हो पाया है। लोकनिर्माण विभाग ने वैकल्पिक पैदल रास्ते का निर्माण तो किया है। लेकिन यह रास्ता बेहद ही संकरा और खतरनाक है। जिससे आवाजाही के दौरान तीर्थ यात्री दुर्घटना के शिकार हो सकते है।यमुनोत्री धाम के रावल तीर्थ पुरोहितों और यात्रियों ने जिला प्रशासन और लोकनिर्माण विभाग  की कार्यशैली और रास्ते के निर्माण पर सवाल उठाये है। यात्रियों का कहना है कि  यमुनोत्री धाम के पैदल आवाजाही के लिए  सही रास्ता नहीं बनाया गया है। जिससे यात्रियों को स्थानीय लोगों को आवागमन करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वही बड़ी बात यह है कि यमुनोत्री धाम जहां पर यात्री बड़ी संख्या में दर्शन करने आ रहे है लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग का निर्माण नहीं हो पाया है यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले पैदल रास्ते में 29 जुलाई को भूस्खलन हुआ था। जिससे भंगेली गाड़ के पास रास्ते का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इस स्थान पर लोनिवि ने अभी तक रास्ते का निर्माण नहीं किया। जबकि जिला प्रशासन ने 29 जुलाई से  लगातार चार दिनों तक यमुनोत्री की यात्रा बंद रखी गई। इस दौरान लोनिवि ने एक वैकल्पिक रास्ता बनाया है। यह रास्ता बेहद ही संकरा और खतरनाक है। वही यमुनोत्री धाम की खराब व्यवस्थाओं को लेकर यमुनोत्री धाम के  मंदिर समिति के पदाधिकारी और रावल तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात थी।



वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि लोक निर्माण विभाग बड़कोट को निर्देशित किया गया है कि तत्काल एक सप्ताह के अंदर पैदल क्षतिग्रस्त मार्ग का निर्माण किया जाए

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