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Thursday, December 23, 2021

उत्तरकाशी- केंद्रीय जलशक्ति और नमामि गंगी मंत्रालय के तहत 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चल रहे गंगा उत्सव कार्यक्रम का आज हुआ समपन्न


उत्तरकाशी- केंद्रीय जलशक्ति और नमामि गंगी मंत्रालय के तहत 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चल रहे गंगा उत्सव कार्यक्रम का आज हुआ समपन्न




उत्तरकाशी।।भारत सरकार के जलशक्ति व नमामि गंगे मंत्रालय के तहत 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक गंगा नदी सहित देश की तमाम नदियों के किनारों पर नदी उत्सवों का भव्य आयोजन चल रहा है।इसी क्रम में आज नदी उत्सव महोत्सव के अंतिम दिन गंगा विचार मंच उत्तराखंड ने उत्तरकाशी में माँ गंगा के उदगम जिले उत्तरकाशी में राजकीय आदर्श इंटरकालेज मातली में गंगा तट पर गंगा विचार मंच ने स्कूली छात्र छात्राओं, NCC कैडेट्स व NSS के 300 छात्रों को पठन-पाठन सामग्री वितरित की गई । साथ ही अध्यापकों को नमामि गंगे की तरफ से बैग वितरित किये।




प्रधानाचार्य  राजेश बधानी ने कहा कि माँ गंगा को अविरल बनाने के लिए जन सामान्य को आगे आना होगा। किसी भी तरह का कूड़ा कचरे व पूजा की गैर उपयोगी सामग्री को भी नदी में प्रवाहित करने पर रोक लगनी चाहिए।। गंगा विचार मंच उत्तराखंड के संयोजक लोकेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि माँ गंगा के मायके उत्तरकाशी में गंगा तटों को स्वच्छ बनाने की मुहिम शुरू हो चुकी है। गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेन्द्र सिंह बिष्ट ने आज 23 दिसंबर को नदी उत्सव कार्यक्रम के अंतिम दिन राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज मातली में स्कूली छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि  आज नदी उत्सव का समापन नहीं बल्कि नदी उत्सव और गंगा उत्सव शुरू हुवा है।।गंगा तट पर फैली गंदगी व अव्यवस्था को दूर करने के लिए छात्रों के माध्यम से जन जागरूकता बढ़ानी होगी।



नदी उत्सव के अवसर पर उत्तरकाशी के नदी तट पर स्थित कालेज में आज जलशक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की तरफ से स्कूली छात्रों पठन-पाठन सामग्री वितरित किये गए। अधजली चिताओं की राख व पुराने कपड़ों से घाट अटा पड़ा है। गंगा में आजकल बहाव कम व जलधारा कम हो चुकी है। लोग घाट को छोड़कर दूर गंगा की जलधारा के समीप शवों को जला रहे हैं।।आज की गंगा गोष्ठी में गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा  कि लोग इतनी जल्दी में हैं कि चिता को पूरी भी हीं जलने देते हैं और शवों को अधजला छोड़ गंगा की धारा में धकेल देते हैं।संचालन प्रकाश लाल विद्वान ने कहा कि चिता की शेष जल रही लकड़ियों को बुझाकर उन्हें भी नदी की धारा में बह देते है। अध्यापक राजबीर सिंह रांगड़ ने कहा कि लोग गंगा तट पर शवों के साथ आये कपड़े कफन, गूल, अर्थी की लकड़ी, घरों से मृत लोगों के पुराने व इस्तेमाल किये कपड़ों के गठहर नदी तट फेंकने पर प्रतिबंध लगना चाहिए।। इस कार्यक्रम में गगा विचार मंच से कृष्णा राणा, अध्यापक राजेन्द्र पंवार, देवराज बनूनी, संदीप भट्ट आदि उपस्थित थे।


रिपोर्ट-सूर्यप्रकाश नौटियाल

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