उत्तरकाशी-बड़े निर्माण कार्यों का प्रकाशन करना जरूरी नहीं समझा इस विभाग ने 1 करोड़ के कार्य बिना प्रकाशन के ही कर दिए ,महज एक साल में 2 करोड़ से भी अधिक के निर्माण कार्य वर्कऑर्डर में ही कर डाले - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Sunday, January 10, 2021

उत्तरकाशी-बड़े निर्माण कार्यों का प्रकाशन करना जरूरी नहीं समझा इस विभाग ने 1 करोड़ के कार्य बिना प्रकाशन के ही कर दिए ,महज एक साल में 2 करोड़ से भी अधिक के निर्माण कार्य वर्कऑर्डर में ही कर डाले

 उत्तरकाशी-बड़े निर्माण कार्यों का प्रकाशन करना जरूरी नहीं समझा इस विभाग ने 1 करोड़ के कार्य बिना प्रकाशन के ही कर दिए ,महज एक साल में 2 करोड़ से भी अधिक के निर्माण  कार्य वर्कऑर्डर में ही कर डाले



उत्तरकाशी।।।। उत्तरकाशी ग्रमीण निर्माण विभाग जिसके पास नव निर्माण कार्यों की बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन ग्रमीण निर्माण विभाग ने एक साल में 2 करोड़ से भी ज्यादा के निर्माण कार्य  वर्कऑर्डर में कर दिए ,और इतना ही नहीं लगभग 1 करोड़ के निर्माण कार्य   बिना समाचार पत्रों में प्रकाशन के ही कर दिए ये जानकारी विभाग से मांगी आर टी आई सूचना के माध्यम से पता चली ।न कोई नियम न कोई डर बस अपने चेहते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के एवज में नियमों को दर किनार कर ,निर्माण कार्यों का प्रकाशन करना जरूरी नहीं समझा ।



वहीं बताते चलें कि ग्रमीण निर्माण विभाग ने आखिर 2 करोड़ से भी ज्यादा के निर्माण  कार्य वर्कऑर्डर में क्यों कर दिए  ? और लगभग 1 करोड़ के  निर्माण कार्य बिना समाचार में प्रकाशन के कैसे कर दिए जब इसकी जानकारी के लिए हमने विभाग के अधिकारी को पूछा तो,उन्होंने कहा कि ये सभी  विभागों में होता है,और हमारे विभाग में कुछ कार्य ऐसे होते है जिनके लिए प्रकाशन करना जरूरी नहीं होता है और जो भी हुआ है ठीक हुआ है। हमने सम्बंधित अधिकारी से ये भी कहा कि आप इसको ,ऑन द रिकॉर्ड कहो लेकिन सम्बंधित अधिकारी ने कैमरे के आगे कुछ भी कहने से मना कर दिया 








वर्क

र्ऑर्डर के कार्यों की आवश्यकता अति महत्वपूर्ण कार्यों के लिए होती  है जैसे कोई अतिआवश्यक निर्माण कार्य करना है या फिर आपदा के समय महत्वपूर्ण कार्य ,न आपदा आई और न विभाग में ऐसी कोई समस्या न होने पर 2 करोड़ के कार्य महज एक साल में वर्कऑर्डर में कर डाले ,और शासन द्वारा जारी आदेश में भी कहा गया है कि 10 लाख के ऊपर की धनराशि के कार्यों के लिए किसी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशन करना जरूरी है लेकिन विभाग ने ये जरूरी नहीं समझा और बिना प्रकाशन के ही 1 करोड़ के कार्य  बिना प्रकाशन के कर डाले ,अब किस नियम के तहत किये जानकारी देने से विभागीय अधिकारी बचते नजर आ रहे है। और नहीं उच्च अधिकारी कोई कार्यवाही करते है जबकि पूर्व जिलाधिकारी और वर्तमान जिलाधिकारी को उक्त मामले में अवगत किया गया ,

रिपोर्ट-हेमकान्त नौटियाल

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