उत्तरकाशी-गंगा विश्व शांति सद्भावना धाम में राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य द्वारा नौ दिवसीय देवी भागवत कथा,गुरु पूर्णिमा पर निशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं जनेऊ संस्कार आयोजन
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उत्तरकाशी।।जनपद मुख्यालय के एमआईएम सड़क मार्ग के निकट गंगा विश्व शांति सद्भावना धाम डांग में 5 जुलाई से 13 जुलाई तक ब्रह्म ऋषि राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज के मुखारविंद से देवी भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। श्रद्धालु देवी भागवत कथा में बड़ी संख्या में पहुंचकर सदगुरु ब्रह्मऋषि राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज के मुखारविंद से कथा का श्रवण कर रहे हैं। राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य ने कहा कि ब्राह्मण कुल में जिन बच्चों ने जन्म लिया है उनका यज्ञपवित जनेऊ संस्कार 8 साल से 16 साल की उम्र में हो जाना चाहिए क्योंकि अगर बच्चों का जनेऊ संस्कार इस उम्र में नहीं होता है वे न तो हवन कर सकते हैं और नहीं कोई कर्मकांड कर सकते हैं इसी प्रकार क्षत्रिय कुल में जिन बच्चों ने जन्म लिया है उनका यज्ञपवित जनेऊ संस्कार 11 साल से 22 साल की उम्र तक हो जाना चाहिए। इसी प्रकार जिन बच्चों ने वैश्य कुल में जन्म लिया है उनका जनेऊ संस्कार 12 साल से 24 साल तक की उम्र में हो जाना चाहिए। डॉ दुर्गेश महाराज ने कथा में आए सभी माता-पिता एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कथा का श्रवण कर रहे सभी से अपील की है कि 10 जुलाई गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा विश्व शांति सद्भावना धाम डांग में पहुंचकर अपने बच्चों का जनेऊ संस्कार अवश्य कराएं।

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ब्रह्मऋषि राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज प्रतिवर्ष गंगा विश्व शांति सद्भावना धाम डांग में देवी भागवत कथा का आयोजन करते है। कथा में प्रतिदिन भंडारा भी होता है जिसको प्रसाद के रूप में श्रोताओं को वितरण किया जाता है। राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश महाराज ने 21 वर्षों तक अन्न त्याग और मौन व्रत धारण किया इस कठिन तपस्या से श्रद्धालुओं के मन में अपने सदगुरू डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति देखने को मिलती है। वहीं डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को गंगा विश्व शांति सद्भावना धाम डांग में जनेऊ संस्कार और देहरादून के डॉक्टरों के द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा डॉ दुर्गेश महाराज ने सभी से अपील की है कि सभी गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा विश्व शांति सद्भावना धाम में अवश्य पधारकर पुण्य लाभ अर्जित करें।
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