उत्तरकाशी-वरुणावत पर्वत से हो रहे भूस्खलन का विशेषज्ञों की टीम ने सर्वेक्षण कार्य किया शुरू,टीम में टीएचडीसी,भारतीय भूवैज्ञानिक,भूस्खलन शमन एवं आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ मौजूद - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Friday, September 6, 2024

उत्तरकाशी-वरुणावत पर्वत से हो रहे भूस्खलन का विशेषज्ञों की टीम ने सर्वेक्षण कार्य किया शुरू,टीम में टीएचडीसी,भारतीय भूवैज्ञानिक,भूस्खलन शमन एवं आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ मौजूद

उत्तरकाशी-वरुणावत पर्वत से हो रहे भूस्खलन का विशेषज्ञों की टीम ने सर्वेक्षण कार्य किया शुरू,टीम में टीएचडीसी,भारतीय भूवैज्ञानिक,भूस्खलन शमन एवं आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ मौजूद




उत्तरकाशी।।जनपद मुख्यालय में वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन के विस्तृत सर्वेक्षण के लिए विशेषज्ञों की टीम ने आज उत्तरकाशी पहॅुचकर सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया। इस टीम में टीएचडीसी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ ही उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र के विशेषज्ञ शामिल हैं। इसके साथ ही जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक एवं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता भी सर्वेक्षण टीम को सहयोग कर रहे हैं।



बताते चलें कि गत 27 अगस्त को वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन का विस्तृत भूवैज्ञानिक जांच कर उसके निदान हेतु सुझाव व उपाय प्रस्तुत किए जाने के लिए जिला प्रशासन के आग्रह पर शासन के द्वारा टिहरी जल विद्युत निगम ( टीएचडीसी ) को जिम्मा सौंपा गया है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने टीएचडीसी के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर सवेर्क्ष्ण दल को अविलंब शीघ्र उत्तरकाशी भेजे जाने का आग्रह किया था। आज विशेषज्ञों की टीम जिला मुख्यायल उत्तरकाशी पहॅूंच चुकी है और टीम के सदस्यों ने कुटेटी देवी एवं वरूणावत की तलहटी वाले क्षेत्रों में जाकर भूस्खलन का जायजा लिया। यह टीम शनिवार 07 सितंबर को भूस्खलन क्षेत्र एवं वरूणावत पहाड़ी के शीर्ष पर जाकर विस्तृत सर्वेक्षण करेगी। 




टीम के सदस्यों ने जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के साथ बैठक कर सर्वेक्षण की रूपरेखा का प्रस्तुतिकरण करने के साथ ही आज प्रारंभिक सर्वेक्षण के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने टीम को बारीकी से स्थलीय सर्वेक्षण कर इस भूस्खलन के कारण एवं निवारण के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने की अपेक्षा की। ताकि इस भूस्खलन के उपचार एवं आबादी की सुरक्षा के लिए आवश्यक कारगर कदम उठाए जा सकें। बैठक में उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक रूचिका टंडन, डिजायन इंजीनियर पंकज उनियाल, जीएसआई की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नेहा कुमारी, टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबंधक जेआर कोठारी, स्ट्रक्चरल इंजीनियर टीएचडीसी विनय पुरोहित, जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि रजनीश सैनी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल शामिल रहे।

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