उत्तरकाशी- शीतकाल के लिए बन्द हुए गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट ,मां यमुना की डोली खरसाली और मां गंगा की डोली पहुंची मुखबा, इस बार रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने किये गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन - PiyushTimes.com | Uttarkashi News

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Thursday, October 27, 2022

उत्तरकाशी- शीतकाल के लिए बन्द हुए गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट ,मां यमुना की डोली खरसाली और मां गंगा की डोली पहुंची मुखबा, इस बार रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने किये गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन

उत्तरकाशी- शीतकाल के लिए बन्द हुए  गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट ,मां यमुना की डोली खरसाली और मां गंगा की डोली पहुंची मुखबा, इस बार रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं  ने किये गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन




उत्तरकाशी।।(ब्यूरो)विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैयादूज के पवन पर्व और अभिजीत मुहूर्त में पूरी विधि विधान और मंत्र उच्चारण के साथ दिन 12:09 बजे पर शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए है। मां यमुना की उत्सव डोली अपने भाई शनिदेव महाराज की अगुवाई में हजारों श्रद्धालुओं के साथ यमुनोत्री धाम से अपने मायके खरसाली (खुशीमठ) के लिए दिन 12:33 पर रवाना हुई और माँ यमुना  की उत्सव डोली अपने मायके खरसाली में तय समय पर पहुंची अब मां यमुना अपने शीतकाल पड़ाव खरसाली खुशी मठ में ही श्रद्धालुओं को आगामी 6 माह तक दर्शन देगी बताते चलें कि कल गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पावन पर्व पर 12:01 बजे  बंद हुए थे। वही मां गंगा की उत्सव डोली भी आज अपने मायके   मुखबा  पहुंची जहां पर ग्रामीणों एवं महिलाओं ने मां गंगा का भव्य स्वागत किया है। और  अब मां गंगा अपने मायके के मुखबा  में ही श्रद्धालुओं को आगामी 6 माह तक दर्शन देगी





बताते चलें की पिछले 2 साल तक कोरोना महामारी के कारण चार धाम यात्रा बिल्कुल भी ना के बराबर चली थी। जिस कारण चार धाम यात्रा से जुड़े छोटे बड़े व्यवसायियों को 2 साल तक भारी नुकसान उठाना पड़ा था। यहां तक कि चार धाम से जुड़े व्यवसायियों ने इसके लिए सरकार से एक विशेष पैकेज की मांग भी की थी। लेकिन इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर पहुंचे वही बात करें तो  वही इस वर्ष यमुनोत्री 485688 और गंगोत्री धाम 624516  कुल रिकॉर्ड तोड़ 1110204 (ग्यारह लाख दस हजार दो सौ चार) लगभग श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। चार धाम यात्रा रिकॉर्ड तोड़ चलने पर इस वर्ष चार धाम यात्रा से जुड़े छोटे-बड़े व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए नजर आए और जो नुकसान पिछले 2 साल तक कोरोना महामारी के कारण  व्यवसायियों को उठाना पड़ा था उसकी भरपाई कुछ हद तक इस वर्ष हो पाई है।

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