उत्तरकाशी- भागीरथी नदी में खनन करने के लिए पहाड़ खोदकर (वन भूमि)सड़क बना दी खनन माफियाओं ने प्रशासन मौन,जबकि वन भूमि के कारण आज कई गावं सड़कों से वंचित
उत्तरकाशी।।। उत्तरकाशी में भी अजब गजब का खेल चल रहा है डुण्डा प्रखंड में अस्तल,रानाड़ी गांव मोटर मार्ग के नीचे खनन माफियाओं ने पहाड़ खोदकर सड़क बना दी ताकि नदी में धड़ल्ले से खनन चलता रहे लेकिन डुण्डा प्रशासन इस और आंखें बंद कर बैठा है जैसे कि डुण्डा डुंडा प्रशासन को कुछ भी
दिखाई न दे रहा हो ,गांव के मोटर मार्ग के नीचे वन भूमि पर खनन माफियाओं ने बिना परमिशन के सड़क बना दी। आज ऐसे कई गांव है जो सड़कों से वंचित है जिसका कारण गांव की सड़कों की स्वीकृति लंबे समय से वन भूमि के कारण लंबित पड़ी है ,लेकिन हम इस इसलिए इसको अजब-गजब कह रहे कि कारण सड़क नहीं पहुंच रही यहां ,खनन माफिया खनन करने लिए पहाड़ खोदकर अपनी मर्जी से सड़क बना रहे है लेकिन प्रशासन आंखे बंद करके बैठा है ।
बताते चलें डुण्डा प्रखंड के पास अस्तल रानाड़ी मोटर मार्ग के नीचे खनन माफियाओं ने वन भूमि को खोदकर अपनी मर्जी से खनन करने के लिए लगभग 500 मीटर सड़क बना दी और सड़क को भागीरथी नदी तक खोदकर ले गए एनजीटी के नियम ,न जिला प्रशासन का डर और वन विभाग के कड़े नियमों को भी दरकिनार कर मनमर्जी से सड़क बना दी जबकि वही लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर उप जिलाधिकारी डुण्डा का कार्यालय है लेकिन डुण्डा प्रशासन और जिला प्रशासन मौन बैठे है क्षेत्र के लोगों ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर भी की है
वहीं इस बारे में उपजिलाधिकारी डुंडा आकाश जोशी का कहना है कि भू- वैज्ञानिकों की रिपोर्ट थी कि अस्तल गावं को नदी के आर बी एम से खतरा है इसलिये अस्तल गावं को खतरा न हो इसलिए नदी प्रशिक्षण कार्य किया जा रहा इसलिये सड़क बनाई गई है जबकि दूसरी और देखें तो इसी मार्ग से खनन का कार्य भी चल रहा है ।
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