उत्तरकाशी में वर्णावत पर्वत के शीर्ष पर बसे संग्राली गांव में लॉक डाउन के दौरान फंसे इंग्लैंड निवासी माइकल पहाड़ी जीवन शैली का आनंद ले रहे हैं। वह यहां इन शांत वादियों में बीते दो महीने से बिंमलेश्वर मंदिर में योग अभ्यास के साथ-साथ संग्राली गांव के बच्चों को पढ़ाने , बाल काटने सहित खेतों में भी ग्रामीणों के साथ खेती के कार्य में भी हाथ बंटा रहे हैं तथा यहां बिताए गए इन सुंदर और यादगार क्षणों के लिए वह अपने आपको धन्य भी समझ रहे हैं।
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर स्थित देवदार के पेड़ों के बीच बसा है संग्राली गांव और गांव के निकट ही बिंबलेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। इंग्लैंड निवासी माइकल एडवर्डस बीती 28 जनवरी को भारत घूमने आया था और ऋषिकेश होते हुए मार्च के महीने उत्तरकाशी आया था। जो कोरोना महामारी के चलते लगे लॉक डाउन के कारण संग्राली गांव में स्थित बिंमलेश्वर मंदिर में ही फंस गया। माइकल को यहां लंबा समय बिताने के जो अवसर मिला, उन्होंने उन अवसरों का बेहतर तरीके से जिंदादिली ढंग से जी रहा है। यहां उन्होंने लॉक डाउन में ग्रामीण बच्चो को पढ़ाने बच्चों के बाल काटे तथा मंदिर के आसपास साफ सफाई कर स्वच्छता का भी सन्देश दिया तथा गांव में ग्रामीणों के साथ पहाड़ी जीवनशैली के साथ जीवन जीने में रम गए।
माइकल कहते हैं कि पहाड़ की शांत एवं सुंदर वादियों में जीवन जीने का अपना अलग ही आनंद है। यहां स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। उन्हें इन शांत वादियों में जो समय बिताने का अवसर मिला है वह उन्हें हमेशा याद रहेगा। यह मेरे जीवन के महत्वपूर्ण और बेहतर क्षणों में शामिल है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी लाइफ स्टाइल में ही जीवन जीने का असली आनंद है। वंही ग्रामीण भी माइकल से काफी प्रभावित और खुश है।
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